राम मंदिर के उद्घाटन पर डॉ फारूक अब्दुल्ला को आमंत्रित नहीं किया गया

श्रीनगर : जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और संसद सदस्य डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं राम मंदिर के उद्घाटन पर खुश हूं लेकिन दुर्भाग्य से मुझे आमंत्रित नहीं किया गया है| साथ ही उन्होंने उस आतंकवादी हमले की निंदा की जिसमें गुरुवार को 4 सैनिक मारे गए थे|

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दिल्ली से सड़क मार्ग से जम्मू आते समय डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कठुआ जिले के लखनपुर में मीडिया से बातचीत की और भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा| उन्होंने कहा कि जब अनंतनाग मुठभेड़ स्थल पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी मर रहे थे और उनके शरीर से खून बह रहा था तो अधिकारी हेलीकॉप्टर में यात्रा कर रहे थे जिससे अपनी जान बचा सके| उन्होंने कहा कि एडीजीपी को मदद के लिए बुलाया था कि उस शहीद अधिकारी की पत्नी सदमे से कैसे बाहर निकलेगी| लेकिन बीजेपी सरकार दावा कर रही है कि देश में शांति और विकास हो रहा है और तो फिर कैसे आतंकवादी सैनिकों की हत्या कर रहे हैं| अब्दुल्ला ने कहा कि यहां हर घर के सामने आधुनिक हथियारों के साथ सैनिक खड़े हैं, क्या मरने के लिए खड़े हैं, जब भी बंदूक हटेगी तो मेरे सिर पर भी पत्थर फेंके जाएंगे|

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उन्होंने आगे कहा कि मुझे खुशी है कि 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होगा लेकिन दुर्भाग्य से मुझे राम मंदिर के उद्घाटन पर आमंत्रित नहीं किया गया है, राम केवल बीजेपी के नहीं हैं बल्कि राम दुनिया के हैं| मैं अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से बहुत दुखी हूं, क्या इसका मतलब यह है कि उन्हें राज्य विधानसभाओं को भंग करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में परिवर्तित करके राष्ट्रपति आदेश जारी करने का अधिकार है|

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